नई दिल्ली। यह मोदी सरकार की वह उपलब्धि है जो कश्मीर और ट्रिपल तलाक़ जैसी दूसरी उपलब्धियों के शोर में दब गई है। मगर हकीकत में ये उपलब्धि दुनिया भर के देशों में भारत का नाम रोशन कर रही है। मोदी सरकार ने अपने मजबूत प्रयासों से रुपे कार्ड को अब दुनिया भर के 190 देशों में स्वीकृत करा दिया है। ताजा देश संयुक्त अरब अमीरात बना जहां खुद मोदी ने रुपे कार्ड को लांच किया। ये उपलब्धि समूचे विश्व में भारतीय अर्थव्यवस्था के परचम सरीखी है।
रुपे कार्ड भारत का स्वदेशी भुगतान प्रणाली पर आधारित एटीएम कार्ड है। इसे वीजा व मास्टर कार्ड की तरह प्रयोग किया जाता है। विदेश मंत्रालय ने बताया है कि देश में रुपे कार्ड नेटवर्क का संचालन करने वाली एनपीसीआई के जरिए अब रुपे ग्लोबल कार्ड जारी किया जाएगा। यह देश की बड़ी उपलब्धि है। ये कार्ड भारत के बाहर उपयोग किए जाने पर डिस्कवर नेटवर्क पर काम करेगा। डिस्कवर की साझेदारी के चलते रुपे ग्लोबल कार्ड की स्वीकृति 190 देशों में पहुंच चुकी है। एक आंकड़े के मुताबिक यह कार्ड 4.4 करोड़ व्यापारियों और 20 लाख एटीएम और कैश का आदान-प्रदान करने वाली जगहों तक अपनी पहुंच बना चुका है। पहुंच का ये दायरा लगातार आगे बढ़ता जा रहा है।
पीएम मोदी ने इस कार्ड को अपनी यूएई यात्रा के दौरान इस मुल्क में भी लांच किया। संयुक्त अरब अमीरात पश्चिम एशिया का पहला देश बन गया, जिसने इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की भारतीय प्रणाली को अपनाया है। भारत इससे पहले सिंगापुर और भूटान में रुपे कार्ड को शुरू कर चुका है। यूएई की कई कंपनियों ने रुपे भुगतान को स्वीकार करने की बात की है।
रुपे कार्ड के कई उपयोग हैं। यह भारत का पहला ऐसा घरेलू डेबिट और क्रेडिट कार्ड पेमेंट नेटवर्क है जिसका इस्तेमाल एटीएम, POS मशीन और ई कॉमर्स साइट पर भी बड़ी आसानी से किया जा सकता है।